Chandra Grahan on Holi
(Chandra Grahan on Holi 2024) इस साल होली के त्योहार पर एक अनोखी स्थिति बन रही है। जहाँ एक तरफ देशभर में रंगों का उल्लास होगा, वहीं दूसरी तरफ 25 मार्च को साल का पहला चंद्र ग्रहण भी घटित हो रहा है। हालांकि, इस खगोलीय घटना का भारत में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि यह चंद्रग्रहण यहाँ दिखाई नहीं देगा।
चंद्र ग्रहण को हिन्दू धर्म में अशुभ माना जाता है और ग्रहण काल के दौरान कुछ विशेष सावधानी बरती जाती हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार लगने वाला चंद्रग्रहण एक उपच्छाया चंद्रग्रहण है। इसका मतलब है कि चंद्रमा पृथ्वी की छाया के सबसे बाहरी भाग से होकर गुजरेगा। इस वजह से यह आंशिक चंद्रग्रहण की तरह दिखाई नहीं देगा बल्कि चंद्रमा का एक छोटा सा भाग ही धुंधला दिखाई देगा।
कब और कहाँ दिखेगा चंद्रग्रहण?
यह चंद्र ग्रहण 25 मार्च को सुबह 10 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर दोपहर 3 बजकर 2 मिनट तक रहेगा. ये एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है, जिसका मतलब है कि चंद्रमा पृथ्वी की छाया के बाहरी भाग से होकर गुजरेगा. इस कारण चंद्रमा का पूरा हिस्सा अंधेरे में नहीं जाएगा, बल्कि उसका रंग थोड़ा सा पड़ सकता है.
यूरोप, उत्तर पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तर और दक्षिण अमेरिका में इस चंद्र ग्रहण को देखा जा सकेगा. प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों से भी ये ग्रहण दिखाई देगा.
भारत में क्यों नहीं दिखेगा चंद्रग्रहण?
(Chandra Grahan on Holi 2024: होली पर उपच्छाया चंद्रग्रहण का साया)चंद्रग्रह देखने के लिए सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की सापेक्षिक स्थिति महत्वपूर्ण होती है। इस बार भारत की भौगोलिक स्थिति के कारण चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा हमारे क्षितिज के नीचे होगा। इसलिए भारत में चंद्रग्रहण दिखाई नहीं देगा और इसका कोई धार्मिक या ज्योतिषीय प्रभाव भी नहीं पड़ेगा।
होलिका दहन पर शुभ मुहूर्त
होलिका दहन की पूजा का शुभ मुहूर्त 24 मार्च की रात 11 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इसलिए आप निर्धारित समय पर पूजा का आयोजन कर होली का पर्व धूमधाम से मना सकते हैं।
Chandra Grahan on Holi: सूतक काल को लेकर भी है विशेष स्थिति
ग्रहण के दौरान सूतक काल होता है, जिसे हिन्दू धर्म में अशुभ माना जाता है और इस दौरान कुछ खास कार्यों को करने से मनाही होती है. लेकिन इस बार चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देने के कारण यहाँ पर सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.
इसलिए आप बेफिक्र होकर होली के त्योहार को धूमधाम से मना सकते हैं. हालांकि ज्योतिष में ये माना जाता है कि ग्रहण का सूक्ष्म प्रभाव पूरे ब्रह्मांड पर पड़ता है, लेकिन भारत में इसका कोई नकारात्मक प्रभाव होने की संभावना नहीं है.