योगी आदित्यनाथ का धार्मिक और सामाजिक संदेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक बार फिर से मंदिर निर्माण को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें यहां तक आने का उद्देश्य केवल राम मंदिर का निर्माण नहीं है, बल्कि उन्हें राम नाम सत्य करने का भी उद्देश्य है।
धर्म का मार्गदर्शन करने का समय है
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह समय है कि हम सभी धर्म के मार्गदर्शन करें और सभी धर्मों के लोगों के साथ मिलकर समाज को सांत्वना दें।” उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण सिर्फ एक भव्य मंदिर का निर्माण नहीं है, बल्कि यह एकता और भाईचारे का प्रतीक होना चाहिए।
राम नाम सत्य करने का संकल्प
योगी आदित्यनाथ ने कहा, “हम यहां राम नाम सत्य करने का संकल्प लेकर आए हैं। राम मंदिर का निर्माण सिर्फ एक भव्यतापूर्ण कदम नहीं है, बल्कि यह हमारे आध्यात्मिक और सामाजिक जीवन के मूल्यों को साकार करने का एक अद्वितीय मौका है।”
धर्मनिरपेक्षता की प्रशंसा
उन्होंने धर्मनिरपेक्षता की महत्वता को भी बताया और कहा कि भारतीय संस्कृति में धार्मिक सहिष्णुता की महत्वता है।
सुरक्षा के विषय पर चिंता व्यक्त
योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर के निर्माण के समय सुरक्षा के मामले पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सभी धर्मनिरपेक्ष एवं धार्मिक स्थलों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
प्रदेश में बदलाव की दिशा में प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका उद्देश्य न केवल मंदिर निर्माण है, बल्कि वे प्रदेश को सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी प्रगति की दिशा में ले जाने के प्रयास कर रहे हैं।
स्थानीय नेताओं की सहयोग की अपील
उन्होंने स्थानीय नेताओं से भी सहयोग करने की अपील की और कहा कि सभी विभागों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि राम मंदिर का निर्माण व संगठन की योजनाओं को समर्थन मिल सके।
अंतिम विचार
योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में साफ किया कि राम मंदिर का निर्माण सिर्फ एक धार्मिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह एकता, सहिष्णुता और धर्मनिरपेक्षता के प्रतीक के रूप में भी देखा जाना चाहिए। उन्होंने सभी नागरिकों से सहयोग की अपील की और उन्हें राम नाम सत्य करने के लिए समर्पित रहने की गुंजाइश की।
कुछ अन्य बातें
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान के बाद राज्य में धार्मिक समृद्धि और सामाजिक एकता की बातें हो रही हैं। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के भी प्रयास हो रहे हैं।
निष्कर्ष
योगी आदित्यनाथ के बयान से स्पष्ट होता है कि राम मंदिर का निर्माण केवल धार्मिक महत्व का ही मुद्दा नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समृद्धि और सांस्कृतिक विकास का भी प्रतीक है। उनकी अपील के अनुसार सभी नागरिक इस महत्वपूर्ण कार्य में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए तत्पर होने की संभावना है।